नहीं होंगे रेप बंद —-
नहीं होंगे रेप, बंद —
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आप चाहे जितने कठोर नियम-क़ानून बनालीजिये…
—-चाहे जितने बेनर लेकर प्रदर्शन कर लीजिये
—भीड़ बढ़ा लीजिये
—पुरुषवादी मानसिकता व पुरुषों को कोस लीजिये
—- मोमबत्तियां जला लीजिये
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——नहीं होंगे रेप बंद , आपको बार बार मोमबत्तियां जलाने के अवसर मिलते ही रहेंगे ….
===#क्यों —
****क्योंकि –इसका #कारण स्वयं हम आप हैं ,—-यह विषय केवल क़ानून व सरकार का नहीं अपितु समाज-संस्कृति का है
—-सबसे बड़ा दोषी है #मीडिया ,,,,,,
—– ३६५ दिन #टीवी, #सिनेमा, #इंटरनेट , #यू ट्यूब , #मोबाइल #मीडिया, … नग्नता परोसने वाले #विज्ञापन … विदेशी चेनल्स व #मीडिया -घर घर में नग्नता की संस्कृति , विदेशी अप-संस्कृति फैलाते रहेंगे…
—-भोंडे #सीरियल्स व #नग्नता युक्त सांस्कृतिक प्रोग्राम परिवार में सभी मिल कर देखते रहेंगे ..
—– बच्चे , युवा , प्रौढ़, एवं #वरिष्ठजन स्त्री-पुरुष भी ==== जिन पर नयी पीढी के लड़कों- लड़कियों , पुत्र-पुत्रियों को संस्कार देने का #दायित्व है
====—-इस मीडिया पर मोहित होकर , #विदेशी #तर्ज़ पर नाचते-गाते रहेंगे ..और उसके अनुरूप फैशन पर चलते रहेंगे ..
—– सडकों पर #मस्ती की पाठशालाएं चलती रहेंगीं …
**********नहीं होंगे रेप, बंद —*****
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यह सब लगभग 20-30 वर्ष से चल रहा है —- १०-१५ वर्ष से अधिक तीजी से हुआ #अपसंस्कृति का #आगाज़ ——
—पहले सिनेमाओं में धार्मिक, पारिवारिक , सामाजिक फ़िल्में बनना बंद हुआ और बकवास नाग्नतायुक्त फ़िल्में बनाना प्रारम्भ होगया
—फिर बोबी जैसी बच्चों की प्रेम कहानी एवं मेरा नाम जोकर जैसी उल
जुलूल फ़िल्में…
—-फिर खाइकें पान …भीजे चुनर वाली जैसी #बकवासगाने एवं नाचने कूदने वालों को महानायक —
—–नंगे नाच नाचने वालियों, मुन्नी बदनाम वालों…..बौस का घर, #देह #दर्शना #कपड़ों का चलन आदि को महिमा मंडन …
—- बिना विवाह साथ रहने,, तीसरा जेंडर, गे ,,,,आदि को सामाजिक समर्थन
—-महानगरों में खुले आम फलता फूलता काल गर्ल व्यवसाय , सडकों पर खुले आम आमंत्रण देती रात भर घूमती लड़कियां, स्त्रियाँ —-
—अंग्रेज़ी चेनल…फिल्क्में…गेम्स …सोंग्स ….पोर्न फ़िल्में आदि का प्रचलन — मानों विदेशी सरकार का राज्य चल रहा हो —
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========= तो संस्कार खंडित हुए हैं , होरहे हैं , सदग्रंथ, #सद्वृत्तियाँ #लुप्त प्रायः हैं —–जिमि पाखण्ड विवाद ते लुप्त होयं सदग्रंथ —-
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=====तो क्यों होंगे , कैसे होंगे बंद रेप ….
हमारे #शास्त्रों में #मनोरंजन को कभी व्यवसाय व #प्रोफेशन #नहीं बनाने का प्रावधान है …#खेल को भी —अन्यथा वे अपसंस्कृति के वाहक एवं भरष्ट आचरण के जनक बनते हैं |
—#खेलकूद , नाटक, मनोरंजन केवल स्कूलों व कालेजों तक ही सीमित रहने चाहिए …आगे नहीं ….प्रोफेशन नहीं …
——#मनोरंजन के समस्त व्यवसायिक कार्य बंद कर देने चाहिए …केवल सांस्कृतिक संस्थाएं ही आयोजन करें …
—–१० वर्ष तक समस्त टीवी सिनेमा मोबाइल यूट्यूब इंटरनेट आदि मीडिया पर केवल —समाचार, सांस्कृतिक, धार्मिक , शैक्षणिक से अन्यथा सभी चेनल बंद कर देने चाहिए …
—गली गली व टीवी आदि पर होने वाले गाने, गीत ,संगीत आदि के प्रोग्राम, कार्यशालाएं , चेनल बंद कर देनी चाहिए –ये सब भ्रष्ट-आचरण को जन्म देने वाले हैं ….
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——-वे तो खुले आम , रात विरात , सुनसान में अकेले हर तरह के वस्त्रों में घूमें और अन्य संत बने रहें ये कैसे हो सकता है ……
——क्या राम मंदिर के तर्ज़ पर ——रेप केसेज़ की प्राथमिकता पर प्रतिदिन विशेष सुनवाई नहीं हो सकती , त्वरित न्याय व कठोरतम सजा हेतु —-
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तो सोचिये ——हम कौन थे क्या होगये और क्या होंगे अभी …..