नहीं हम भूल पाएंगे
मुक्तक – नहीं हम भूल पाएंगे
================
वो खुशियों से सजी झूले,
कहाँ हम झूल पाएंगे।
कहें कैसे सभी बेला,
वहीं अनुकूल पाएंगे।
देवता जी बिताएं जो,
तुम्हारी संग की यादें।
कभी अपने जनम भर ओ,
नहीं हम भूल पाएंगे।
================
डिजेन्द्र कुर्रे (समन्वयक )