नहीं विश्वास आता है 【मुक्तक 】
नहीं विश्वास आता है 【मुक्तक 】
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न जाने लोग कैसे थे ,नहीं विश्वास आता है
न जिनके स्वप्न पैसे थे , नहीं विश्वास आता है
चले जो खोलने विद्यालयों को देश की खातिर
धरा पर लोग ऐसे थे ,नहीं विश्वास आता है
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रचयिता :रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर उत्तरप्रदेश मोबाइल 999 761 5451