नहीं मिले तुम
ज़िन्दगी में तुझे चाहा फिर भी नहीं मिले तुम
इक कसक सी रह गयी ,
अब दिल में बस तेरी यादों की महक ही रह गयी
तेरे आने से जो दिल धड़क उठता था
उस दिल की धड़कनें रुक सी गयीं
मेरी ज़िन्दगी तो तुम ही थे
मेरे हिस्से सिर्फ़ कमी
और सिर्फ़ कमी ही रह गयी |
द्वारा – नेहा ‘आज़ाद’