नहीं भूल सकते हम ऐसे वीरों की कुर्बानी ।
नहीं भूल सकते हम ऐसे वीरों की कुर्बानी
*धन्य धन्य हैं वीर प्रसूता धन्य अमर बलिदानी
नहीं भूल सकते हम ऐसे वीरों की कुर्बानी*
पुलवामा में दगा सैन्य वाहन विस्फोटक फूटे,
प्रेम दिवस पे वादे टूटे चूड़ी बिछुये छूटे
अभी अभी घर से लौटे थे नियति न ऐसे लूटे
सूनीं माँग कलाई सूनी, सूनी सेज सुहानी
धन्य धन्य हैं वीर प्रसूता धन्य अमर बलिदानी
नहीं भूल सकते हम ऐसे वीरों की कुर्बानी ।
एक-एक सैनिक लाखों सम वीर प्रवर औ मानी
जिससे भय खाती थी लश्कर जैश शक्ति शैतानी
है अफसोस शत्रु था कायर कायरता की ठानी
षडयंत्रो धोखों से तूने लिख दी करुण कहानी
धन्य धन्य हैं वीर प्रसूता धन्य अमर बलिदानी
नहीं भूल सकते हम ऐसे वीरों की कुर्बानी
बेटी कहती सैनिक बनकर माँ मुझको भी लड़ना
बहना कहती लक्ष्मी बाई जैसी मुझको बनना
बेटा कहता माँ मुझको भी है बन्दूक चलानी
नहीं सहन कर सकते अब धोखे की कारस्तानी
धन्य धन्य हैं वीर प्रसूता धन्य अमर बलिदानी
नहीं भूल सकते हम ऐसे वीरों की कुर्बानी।
अनुराग दीक्षित