नहीं भुला पाएंगे मां तुमको, जब तक तन में प्राण
नहीं भुला पाएंगे मां तुमको, जब तक तन में प्राण
नहीं भुला पाएंगे मां तुमको, जब तक तन में प्राण
श्री चरणों में नमन मातु, मां तुम थीं जीवन प्राण
तुम मुझको इस जग में लाईं, तुमने सृष्टि दिखाई
अश्रु विंदु के गंगा जल से, तर्पण और विदाई
नहीं भुला पाएंगे माते, महान गोद सुखदाई
नहीं भुला पाएंगे मां तुमको, तुमने मुझको पहचान दी
तुमसे बढ़कर नहीं जगत में, तुम करुणा थीं भगवान की
नहीं आशीर्वाद मां तेरे जैसा, तुम आशीष थीं श्री भगवान की
तेरे आंचल में पाईं मां, खुशियां सकल जहान की
तेरे चरणों में तीरथ हैं , तुम झोली थीं बरदान की
त्याग तपस्या की मूरत , तुम सूरत थीं बलिदान की
तीन लोक में नहीं है तुम सा, तुम मूरत थीं भगवान की
नहीं है कोई जग में उपमा, न मां समान कोई नाता
श्री चरणों में नमन है माता, तुम जीवन भाग्य विधाता
नहीं भुला पाएंगे मां तुमको,जब तक तन में प्राण
रोम रोम है ऋणी तुम्हारा, मां कोटि कोटि प्रणाम 🙏🙏
आपकी पूज्य माता जी श्रीमती कुंती व्यास जी के देव लोक गमन पर सादर श्रद्धांजलि।
सुरेश कुमार चतुर्वेदी