Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
26 Aug 2020 · 1 min read

**नहीं डरना नहीं डरना**

को को को को कोरोना
कैसा इससे घबराना
अपनी हिफाजत आप करें हम
बेवजह भीड़ में नहीं जाना
नहीं डरना नहीं डरना को रोना से है लड़ना
फुर्सत के पल मिले सभी को
वरना आपाधापी थी
भागदौड़ की भरी जिंदगी
पैसो के पीछे नापी थी
जब तब निकलो घर से अब तुम
मुंह को अपने ढक कर रहना
नहीं डरना नहीं डरना को रोना से है लड़ना
बदल दिया जीवन जो इसने
हम भी खुद को बदलेंगे
बार-बार अपने हाथों को
डिटर्जेंट से रगड़ेंगे
हम से यह क्या जीत पाएगा
इसको एक दिन है मरना
नहीं डरना नहीं डरना को रोना से लड़ना।
“राजेश व्यास अनुनय”

Language: Hindi
Tag: गीत
4 Likes · 536 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.

You may also like these posts

3081.*पूर्णिका*
3081.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
“मित्रताक स्वागत”
“मित्रताक स्वागत”
DrLakshman Jha Parimal
जीवन ज्योति
जीवन ज्योति
Neha
मेरी कमाई
मेरी कमाई
Madhavi Srivastava
***
*** " आधुनिकता के असर.......! " ***
VEDANTA PATEL
संवेदना
संवेदना
Khajan Singh Nain
कितने ही गठबंधन बनाओ
कितने ही गठबंधन बनाओ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
अपनी कद्र
अपनी कद्र
Paras Nath Jha
"पूछो जरा"
Dr. Kishan tandon kranti
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
gurudeenverma198
ऐ ज़िन्दगी
ऐ ज़िन्दगी
Shalini Mishra Tiwari
*रिश्ते*
*रिश्ते*
Ram Krishan Rastogi
सारे ही चेहरे कातिल है।
सारे ही चेहरे कातिल है।
Taj Mohammad
प्रेम वो भाषा है
प्रेम वो भाषा है
Dheerja Sharma
चुनाव आनेवाला है
चुनाव आनेवाला है
Sanjay ' शून्य'
पहचान
पहचान
Shweta Soni
नैया पार हो गई
नैया पार हो गई
संतोष बरमैया जय
पाइप लागल बाटे बाकिर...
पाइप लागल बाटे बाकिर...
आकाश महेशपुरी
ग़ज़ल
ग़ज़ल
SURYA PRAKASH SHARMA
दीवाने
दीवाने
डिजेन्द्र कुर्रे
सहयोग
सहयोग
Rambali Mishra
बुढ़ापा हूँ मैं
बुढ़ापा हूँ मैं
VINOD CHAUHAN
#पथ-प्रदीप
#पथ-प्रदीप
वेदप्रकाश लाम्बा लाम्बा जी
चांदनी रातों में
चांदनी रातों में
Surinder blackpen
शराफ़त न ढूंढो़ इस जमाने में
शराफ़त न ढूंढो़ इस जमाने में
डॉ.एल. सी. जैदिया 'जैदि'
Peace peace
Peace peace
Poonam Sharma
आवारा परिंदा
आवारा परिंदा
साहित्य गौरव
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
रुसवा हुए हम सदा उसकी गलियों में,
Vaishaligoel
मेरी बिटिया बड़ी हो गई: मां का निश्चल प्रेम
मेरी बिटिया बड़ी हो गई: मां का निश्चल प्रेम
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
सुबह-सुबह की लालिमा
सुबह-सुबह की लालिमा
Neeraj Agarwal
Loading...