नहीं चाहता मैं किसी को साथी अपना बनाना
नहीं चाहता मैं किसी को, अपना साथी बनाना।
अपनी आजादी खोकर, खुद पर बंदिश लगाना।।
नहीं चाहता मैं किसी को—————–।।
मैं तो अकेला अच्छा हूँ, मुझको इससे शिकायत नहीं।
लेकिन मुझको पसंद नहीं, खुद को गुलाम बनाना।।
नहीं चाहता मैं किसी को——————।।
नहीं है वह ऐसा जो, बदल दे मेरे नसीब को।
मंजूर नहीं है लेकिन, किसी को तकदीर बनाना।।
नहीं चाहता मैं किसी को—————–।।
नहीं मनाओ मुझको तुम, उसको करुँ मैं मोहब्बत।
नहीं सौंपना है हाथ उसको, नहीं यार उसको बनाना।।
नहीं चाहता मैं किसी को—————–।।
मुझको कम करनी नहीं है, अपनी खुशी और हंसी।
दिल मेरा भी चाहता नहीं है, हमराह किसी को बनाना।।
नहीं चाहता मैं किसी को—————–।।
शिक्षक एवं साहित्यकार
गुरुदीन वर्मा उर्फ जी.आज़ाद
तहसील एवं जिला- बारां(राजस्थान)