नसीहत
नसीहत (मुक्तक)
°°°°°°°°
जनता के कर्म से, नेता सुधरे।
माता के करम से, बेटा सुधरे।
माने जो बात; पिता की, ‘बेटी’
तभी हरेक घर की सुता सुधरे।
***********************
……✍️ पंकज कर्ण
………..कटिहार।।
नसीहत (मुक्तक)
°°°°°°°°
जनता के कर्म से, नेता सुधरे।
माता के करम से, बेटा सुधरे।
माने जो बात; पिता की, ‘बेटी’
तभी हरेक घर की सुता सुधरे।
***********************
……✍️ पंकज कर्ण
………..कटिहार।।