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25 Jul 2021 · 1 min read

नसीब

कभी हारता, कभी बिखरता
जख्म सीने में दबा कर रखता

अजीब खेल है नसीब का भी
इश्क़ ही इश्क़ है अब पुकारता
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

Language: Hindi
2 Likes · 739 Views
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