नसीबों का खेल है प्यार
कौन बनता है यार
गरीबों का
अरे, प्यार तो है खेल
नसीबों का…
(१)
हसीनों से थोड़ी
शह क्या मिली
हौसला है बुलंद
रक़ीबों का…
(२)
दीवाना था मैं
सुलझाता कैसे
पेचीदा मामला
तरकीबों का…
(३)
पहले मार दो हमें
बेमौत ही
फिर दे दो खिताब
शहीदों का…
(४)
एक पूजा है यह
कोई सौदा नहीं
क्या काम है इसमें
रसीदों का…
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Shekhar Chandra Mitra
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