नश्वर है यह जगत
नश्वर है यह जगत
सबको है आभास
फिर भी धन संग्रह में
जुटे सभी लोग सायास
साथ नहीं कुछ भी जाएगा
चाहे जितना लगा ले जोर
इतना सब कुछ जानकर भी
इंसान करता रहता जोड़तोड़
सबसे बड़ा धन संतोष है
ऋषि मुनि दे गए हैं ज्ञान
पर मनुष्य खुद में गाफिल
सत्य पर देते नहीं हैं कान
ईश्वर में रख आस्था करते
रहिये सब काज औ काम
वो ही तय करता भूमिका
सबकी खास हो या अनाम