*नशीले नैनों का निशाना है*
नशीले नैनों का निशाना है
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नशीले नैनों का निशाना है।
तेरा दिल मेरा आशियाना हैँ।
नजरें हटती नहीं ताकता रहूँ,
दीदार ए हुस्न बहुत सुहाना हैँ।
तुम्हीं नैनों से मय पिलाते हो,
झील सी ऑंखें मयखाना है।
तुम ख्यालों मे खोये रहते हो,
गहरी नींद से तुम्हें उठाना है।
आये हम दूर से तेरी रहगुजार,
अलख प्रेम का दर जगाना है।
ढूंढते ब्रहते हैं हम सितारों में,
चाँद देखने का तो बहाना है।
मत बयां कर मस्जबूरियों को,
तुझी को ही अपना बनाना है।
जादूई ऑंखें हमें जीने ना दे,
पलकों के नीचे घर बसाना है।
चले आओ खड़े हम राहों मे,
हाथ हाथों से हमें मिलाना है।
मनसीरत ने जब से जाना हैँ,
प्यारा हिया हमारा ठिकाना है।
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सुखविंद्र सिंह मनसीरत
खेडी राओ वाली (कैंथल)