नशा
क्या ही मांग लुंगी मैं दिल के सिबा तुम से
इश्क का सबूत भी तो न माँगा जायेगा
दिल है एक मेरा जो तेरे आंगन में जा गिरा
बस धडकनों पे ही रिश्ते को टांगा जायेगा !
…सिद्धार्थ
अजीब सा नशा था उस में, तेरे संग का वो पल था
खुमारी टूटी नही है अब तक लेकिन वो कला था !
…सिद्धार्थ