नशा मोहब्बत का उतार फेंके दो,
नशा मोहब्बत का उतार फेंके दो,
प्यारे जिंदगी बहुत छोटी हमारी,
अपने लक्ष्य पे ध्यान दो।
ना फंस तुम इस दिल के उलझन में,
ध्यान दो अपना कल सुलझाने में।
नज़रों के धोखा में ना तुम परना,
अपना वजूद कभी मत छोड़ना।
रहना अकेला क्या ग़म है,
जिंदगी लक्ष्य हीन हो तो सब बेकार है।
देखो मोहब्बत के चक्कर में,
तोड़ ना अपने दिल को।
अभी यह कच्चा है,
पता नहीं रित इसे दुनिया कि।
चाहे कोई कुछ कहे,
तु भटकना ना अपने लक्ष्य से।
चाहे खुदा,खुद क्यों ना करें तारीफ,
तु भटकना न मोहब्बत के गलियारों में।