नशा मुक्त जीवन
नशा मुक्त
रिश्ते नाते तोड़कर,
अपनों को सब छोड़ कर,
मौत से नाता जोड़कर,
तंग गलियों के मोड़ पर,
पीड़ा सहन नहीं कर पाएगा तू किस जहान में जाएगा।
जिनका साथ लगे मधुमास ,
तोड़ देंगे वह तेरी हार आस,
नशे मैं धुत्त ,
अनचाहे विकारों से ग्रस्त हो जाएगा। यह ऐसी आग धुआँ भी जिसका राख कर जाएगा।
भूख नहीं यह मिटने वाली,
अंत समय पछतायेगा।
सौगंध तुम्हें है मिट्टी की ,मात पिता को शीश झुकायेगा,
गलती अपनी को फिर से नहीं दोहरायेगा,
अमूल्य जीवन व्यर्थ नहीं
गवायगा
जन जन को जागरूक बनाएगा।।
अरुणा डोगरा शर्मा
८७२८००२५५५
मोहाली।