नशा नाश की गैल हैं ।।
वो खांस रहे है, खांस रहे हैं ।
बीडी़ पीकर हांफ रहे हैं ।।
उनसा नही कोई दमदार ।
गले लगावे मौत का हार ।।
बीडी़, सिगरेट, चिलम, तम्बाकू ।
गांजा, अफी़म, चरस, और दारू।
हुक्का, हेरोइन,
उनसे कोई बच न पाया ।
अब हांफ हांफ कर हाल बुरा है,
दवा दारू का खर्च बडा़ है ।।
पहले नशे में चूर रहे,
अब नशे को घूर रहे ।
फेफडे़ भी अब फूल रहे,
इन्फेक्शन से जूझ रहे ।
आंतें, लीवर, और किडनी ,
गल गयी सारी बड़ गई परेशानी ।
कमी हो गई खून की हो गया पानी पानी,
फेफडो़ ओर लीवर में भी पड़ गया पानी ।
हमरी मानो सुधर जाओ,
नशे को न हाथ लगाओ,
नशा नाश की गैल है ।
नशा से ही जीवन फैल है ।।
शब्दार्थ :-
गैल – रास्ता