नव संवत्सर
विक्रम संवत २०८० की पावन बेला,
नववर्ष के आगमन की बधाई हो बधाई।।
नूतन का अभिनंदन करें सब,
आशा नई संचारित कर,पुरातन को विदाई।।
चैत्र मास का स्वागत करती,
पेड़ों पर नव अंकुरण से प्रकृति भी मुसकाई।।
रामलला के स्वागत में हर्षित जन,
बांधे बंदनवार, घर घर रंगोली खूब सजाई।
खुशियां और प्रीत बढ़े कुटुंब की
नई सुबह,सभी के लिए सुख समृद्धि लाई।।
घर घर होगा पूजन आराधन,
देने आशीष, सिंहवाहिनी मां शक्ति है आई।।
संवत की हर बेला रहे खुशमय,
माखन मिश्री सा वर्ष, मधुमय हो सुखदाई।।
बांटो खुशियां,खाओ खूब मिठाई,
नव संवत्सर के आगमन की बधाई हो बधाई।।
__ मनु वाशिष्ठ