मधुमय हो नववर्ष हमारा
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हो दिल से दिल का रिश्ता,
हो हर इन्सान में फरिश्ता।
बहे ना खून का एक भी कतरा,
आतंकवाद का ना हो खतरा।
सब को मिले रोटी का टुकड़ा,
खुशियों से चमके हर मुखड़ा।
मिलजुल रहे ना करे लफड़ा,
दिल में दर्द ना हो कोई दुखड़ा।
हो ना कोई लाचार बेसहारा,
हर इन्सान को मिले सहारा।
चमके हर किस्मत का सितारा,
ऐसा मधुमय हो नव वर्ष हमारा।
????—लक्ष्मी सिंह