नव वर्ष
सुबह सुबह उठ ऊषा
रवि किरणों पर बैठ
अम्बर पनघट आयी है
नयी सोच नई उमंग
नव सवेरे साथ
नव वर्ष में मन ही मन
इतराई है ।
नये संकल्प मन सजोए
आशाओं के मोती पोए
नव उमीदों को रच कर
नये यौवन से सज कर
हरित लालिमा देह पर
ऊषा नव वर्ष में मन ही मन
इठलाई है ।
सुबह सुबह उठ ऊषा
रवि किरणों पर बैठ
अम्बर पनघट आयी है ।
अपनों से हैप्पी न्यू इअर कहती
जीवन में उत्साह को भरती
पुरानी वेदनाओं को तजती
नव संभावनाओं से सजती
हर्षोल्लास की काया साथ
ऊषा नव वर्ष में मन ही मन
सकुचाई है ।
सुबह सुबह उठ ऊषा
रवि किरणों पर बैठ
अम्बर पनघट आयी है ।