नव वर्ष
नव वर्ष का आगमन , खुशियों के हो साथ
मिले कदम से कदम तो , रहे हाथ में हाथ
छूते हर पल रहे हम , आशा के नव सोपान
सारी बाधाएँ फेस कर , पाये दंड हैवान
रचते मिलकर सदा हम , नयी सोच आयाम
बढ़े प्रगति पथ हमेशा , लेकर प्रभु का नाम
बीत गया वो भुला के , ध्वज सफलता गाड़
आढे आए राह में , उठा भाल तू फाड़
चीन पाक को दिखा दे , उसकी ही औकात
करो वार पर करो मत ,शान्ति की अब बात
झेला हमने वायरस , भूले पर नहि मौत
आने वाले साल में , लड़े मान कर सौत
परिवर्तन यह समय का , देता हमको सीख
रहे आपदा प्रबन्धन , माँगे नहिं भीख
शीश गर्व से रखेगा , ऊँचा भारत देश
भिन्न भिन्न बोलियाँ है , भिन्न भिन्न परिवेश
मान वतन का बढेगा , पूरब पश्चिम ओर
चमके कीर्ति हमेशा, दुनियां के हर छोर
विकास के पथ बढ़ेगा , मेरा मुल्क महान
गढ़ते नव तकनीक हम,रच डिजीटल वितान
नये वर्ष तकनीक का ,दिखता जग में लौह
शीश झुकेगा सभी का,निकल अधर से ओह
गंगाजमुन की सभ्यता,विकसी जिसके मोड़
अपनाते है विदेशी , जिसका नहिं हो तोड़
पुरा काल से आज तक, अपने करते लूट
आने वाले साल तू, इनको कर दे शूट