नव वर्ष (सोरठा छंद)
आया है नववर्ष, नवल सपनें आँखों में
जीवन में हो हर्ष, सफलता ही पग चूमें
बदला है फिर साल, कलेंडर नया नया है
धीरे धीरे काल, हमारा सिमट रहा है
दो हज़ार उन्नीस , तुम्हारी पूरी पारी
अब दो हज़ार बीस, तुम्हारी आई बारी
कर लीजे स्वीकार, बधाई नये साल की
खुशियाँ मिलें अपार, दूर जीवन से हों गम
नये साल में बात, नई कुछ आओ कर लें
जीवन को सौगात, नई कुछ आओ दे दें
होता है इक साल ,महीने बारह इसमें
छोटा सा है काल,काम करने हैं कितने
31-12-2019
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद