नव वर्ष में एक संकल्प
—–ग़ज़ल——
आइये हम सब ख़ुदा से मिल के ये मिन्नत करें
दिल से ईर्ष्या द्वेष मिट जाए सभी उल्फ़त करें
हर तरफ खुशियाँ ही बरसें देश में ऐ दोस्तों
इस तरह नव वर्ष का मिल जुल के हम स्वागत करें
पल कोई अच्छा बुरा होता नहीं है दोस्तों
बस ग़लत है जो नज़रिया हम उसे रुख़सत करें
ख़ुद कमाने खाने में ही बीत जाता साल पर
फ़र्ज़ है कुछ देश की भी हम जरा खिदमत करें
बेटियाँ तो राधा हैं सलमा हैं “प्रीतम” जान लो
नव वर्ष में हम लें क़सम इनकी सदा इज़्ज़त करें
प्रीतम राठौर भिनगाई
श्रावस्ती (उ०प्र०)