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28 Mar 2017 · 2 min read

प्रतिपदा प्रपंच

अकडूमल एवं झगडूमल आज सुबह नाई की दुकान पर मिले। अभिवादन हुआ। अकडू बोला यार आज से नवरात्रि चालू हो जायेगी। नव वर्ष लग जाएगा तो सोचा सेविंग बनवा ही लेता हूँ। झगडू ने तुरंत अकडू को धर दबोचा। अरे तो क्या हुआ ?दाड़ी नही बनाने से नवरात्रों का क्या है? और कौनसा नव वर्ष आज है। नव वर्ष तो एक जनवरी को निकल गया। अकडू बोला। तेरे ज्ञान को तेरे पास रख झगडू ।तुम अक्लदान क्या जानो ?नवरात्रि और नव वर्ष को। चार किताबें पढकर डिग्री के पट्टे क्या लटका लिए गले में खुद को देशी से अल्सेशियन समझने लगे।
अरे तुम्हारे बाप दादा इसी वर्ष को मनाते मनाते चले गये दुनियां से।
हाँ तो मैंने कब कहा अकडू कि मेरे बाप दादा नही गये, सभी के जाते है। झगडू आँख तरेर कर बोला।
परन्तु यह उस समय होगा नया अब तो पुराना वर्ष हो गया जिसे तुम्हारे जैसे लकीर के फकीर अभी तक नया नया रटे जा रहे है। यदि यह वर्ष ही मानते हो तो लिखो जन्म तिथि विक्रम संवत में। बदलो सब डोकुमेंट्स,आधार कार्ड वोटर आई डी पासपोर्ट आदि को। कम्पुटर, दफ्तर विदेश सब जगह आलापो वर्ष प्रतिपदा। ले चलो इस देश को प्रस्तर युग में आगे क्यों बडो पीछे जाओ रात दिन।
अरे गंवार !तू क्या जाने ?संस्कार संस्कृति को। श्रद्दा के पैमाने तर्क के शास्त्र पर नही परखे जाते। हमारे शास्त्रों में इनका बहुत महात्म्य है। पर तुझे कौन समझाये। शास्त्रों के अनुसार जब चलते थे हम तो विश्व गुरु बन गया था भारत और आज पिछलग्गू है भारत।
अरे तो बदलो इस सारे विधान को अपने संविधान को। हटा सकते हो क्या ? बदल सकते हो क्या ? फिर व्यर्थ का ढोंग धतुरा क्यों? यूँ बोलो कि संस्कृति का ढोल पीटने से कुछ लोगो की दुकाने चल जाती है।वरना कोई क्यों रखे इन खोखले आदर्शो को। आज सारा विश्व एक है। क्या फर्क पड़ता है पूरे वलय मै किधर से भी प्रारम्भ करो और उसी जगह पहुंच जाओ।
अरे इन सबका फर्क पड़ता है हम पंडित से मुहूर्त निकलवाने क्यों जाते है? क्या ज़रूरत है?
किसी बात को बिना समझे ही बस टांग अड़ाने की आदत है तुम्हारी। अकडू थोडा गुस्साया।
चल छोड़ यार तेरे भी किधर समझ आएगी नई बातें ।अरे हमारे दादा जी कंकरो से हिसाब मिला लिया करते थे बिना गणित के सूत्र जाने।
मै गलत नही मान रहा पर इतना कहना है परम्परावादी बनो पर पाथर की लकीर मत बनो।

और नाई ने बीच में ही टोक डाला ।आप लोगो का डिशक्शन पूरा नही हुआ हो तो दुसरे को बिठा लूँ। आप बाद में बनवालेना। उसकी यक आवाज ने दोनों को मूरत कर दिया था…..

मधु गौतम

**********जय शिव

Language: Hindi
347 Views
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