Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2022 · 2 min read

नव बर्ष 2023 काआगाज

फतवा
– उसके नाम –

मानव हो अनमोल रहा मेरे प्रभु तेरी जगती में |
है एक हेतु हों नाम अलग खोया क्यों दल – दल भक्ति में ||

वो अल्ला में ही दम भरतानाम उसी का हम – दम बनता |
नानक गुरु के सिजदे करता पांच तंत्र को धारण करता ||
चढ़ सलीम जीसस बलदानी भौतिकता का सिजदा करता |
प्रोटेस्टैंट बने कैथोलिक मतभेद स्वयं न खुद हरता ||

आंधी है अत्याचारों की झूंझ रहे सब निज हस्ती में |
है एक हेतु हों नाम अलग खोया क्यों दल – दल भक्ति में ||

उनका जमीर भी बटा हुआ कुछ आर्य तथा कुछ अनार्य बने |
बुत को कुछ नें पूजा माना कुछ ऋषि महिमा में आस जने ||
छुआ छूट की हामी भरते अपना पन अब नहीं जाना |
लाग डाट धर्मो का मानक मानव तो बस दास बना ||

सदियां बीत गयी पीड़ित संतति भी सिसकी हस्ती में |
है एक हेतु हों नाम अलग खोया क्यों दल – दल भक्ति में ||

निर्णायक ये पल आया है वर्ष नहीं अब ऎसा होगा |
प्रेम नहीं बस फतवा होगा रिश्ता सबका वैसा होगा ||
दुःख सबका भी अपना होगा नहीं कोई निज दुःख में डूबा |
झंडा ब्रह्माण्ड फहरता होगा सबका होगा न बस सूबा ||

यह विनय नहीं व्रत ही मानें हो न उल्लंघन हस्ती में |
है एक हेतु हों नाम अलग खोया क्यों दल – दल भक्ति में ||

है इंतजार घड़ी अब ख़तम हुई घंटा बोलै 23 आया है |
अज्ञान तिमिर सब मिट जाएं अब प्रेम भाव ही पाया है ||
परम विनय ले शपथ हृदय में मार्ग बदल सज्जन बन जाए |
कोई हो बाधा न उलझन हमलावर दुर्जन हट जाये ||

अभिलाषा में मांगता भीख सहज अर्पित मस्ती में |
है एक हेतु हों नाम अलग खोया क्यों दल – दल भक्ति में ||

डॉ. गिरीश चंद्र अग्रवाल
दयाल बाग , आगरा , उत्तर प्रदेश , भारत
फ़ोन – 7668151252

3 Likes · 271 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Girish Chandra Agarwal
View all
You may also like:
गलत रास्ते, गलत रिश्ते, गलत परिस्तिथिया और गलत अनुभव जरूरी ह
गलत रास्ते, गलत रिश्ते, गलत परिस्तिथिया और गलत अनुभव जरूरी ह
पूर्वार्थ
23/164.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
23/164.*छत्तीसगढ़ी पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
अगर चुनौतियों को  ललकारने और मात देने की क्षमता नहीं है, तो
अगर चुनौतियों को ललकारने और मात देने की क्षमता नहीं है, तो
Sanjay ' शून्य'
मै स्त्री कभी हारी नही
मै स्त्री कभी हारी नही
dr rajmati Surana
"बहादुर शाह जफर"
Dr. Kishan tandon kranti
ये मत पूछो यारों, मेरी क्या कहानी है,
ये मत पूछो यारों, मेरी क्या कहानी है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
#लघुकथा
#लघुकथा
*प्रणय*
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
आमदनी ₹27 और खर्चा ₹ 29
कार्तिक नितिन शर्मा
युद्ध
युद्ध
Shashi Mahajan
मेरी लाज है तेरे हाथ
मेरी लाज है तेरे हाथ
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
अहोभाग्य
अहोभाग्य
DR ARUN KUMAR SHASTRI
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
मुझ जैसा रावण बनना भी संभव कहां ?
Mamta Singh Devaa
परित्यक्ता
परित्यक्ता
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
मैं एक राह चुनती हूँ ,
मैं एक राह चुनती हूँ ,
Manisha Wandhare
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
माॅ॑ बहुत प्यारी बहुत मासूम होती है
VINOD CHAUHAN
शिक्षक की भूमिका
शिक्षक की भूमिका
Shashi kala vyas
दीवाली शुभकामनाएं
दीवाली शुभकामनाएं
kumar Deepak "Mani"
ଏହା ହେଉଛି ଭଗବାନଙ୍କ ଭାଗ୍ୟ
ଏହା ହେଉଛି ଭଗବାନଙ୍କ ଭାଗ୍ୟ
Otteri Selvakumar
*जीतेंगे इस बार चार सौ पार हमारे मोदी जी (हिंदी गजल)*
*जीतेंगे इस बार चार सौ पार हमारे मोदी जी (हिंदी गजल)*
Ravi Prakash
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
बाल दिवस विशेष- बाल कविता - डी के निवातिया
डी. के. निवातिया
याद रहेगा यह दौर मुझको
याद रहेगा यह दौर मुझको
Ranjeet kumar patre
एक मै था
एक मै था
Ashwini sharma
Colours of Life!
Colours of Life!
R. H. SRIDEVI
जीवन में आनंद लाना कोई कठिन काम नहीं है बस जागरूकता को जीवन
जीवन में आनंद लाना कोई कठिन काम नहीं है बस जागरूकता को जीवन
Ravikesh Jha
मौन संवाद
मौन संवाद
Ramswaroop Dinkar
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
एक नम्बर सबके फोन में ऐसा होता है
Rekha khichi
उसे लगता है कि
उसे लगता है कि
Keshav kishor Kumar
सावन
सावन
Shriyansh Gupta
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
তোমার চরণে ঠাঁই দাও আমায় আলতা করে
Arghyadeep Chakraborty
जिन्हें बरसात की आदत हो वो बारिश से भयभीत नहीं होते, और
जिन्हें बरसात की आदत हो वो बारिश से भयभीत नहीं होते, और
Sonam Puneet Dubey
Loading...