Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Dec 2021 · 1 min read

नव दुल्हन

नव दुल्हन

छोटी सी जब पली बढ़ी
मां दादी सिखाए गुण हजार
बन बहू डोली में विदा हो
ससुराल घर का बनी शृंगार।

हाथों के चूड़े पायल की खनक
गूंजे हर पल अंदर बाहर
कुछ मुस्काई कुछ शर्माई
खिलती जैसे कली कचनार।

गुणों की गठरी सौम्या स्वभाव
आई है घर लक्ष्मी का अवतार
रहती सदा काम में व्यस्त
संभाल रखा है घर परिवार।

मेरे पति स्वभाव से ऐसे
जैसे भगवन है श्री राम
बुरी नजर से बचाना इनको
विनती सुनना मेरे भगवान।

ललिता कश्यप गांव सायर जिला बिलासपुर हि० प्र०

Language: Hindi
187 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
प्यार के पंछी
प्यार के पंछी
Neeraj Agarwal
दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
दोस्त, दोस्त तब तक रहता है
Ajit Kumar "Karn"
ॐ
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
तेरा फरेब पहचानता हूं मैं
तेरा फरेब पहचानता हूं मैं
Chitra Bisht
एक इस आदत से, बदनाम यहाँ हम हो गए
एक इस आदत से, बदनाम यहाँ हम हो गए
gurudeenverma198
5
5"गांव की बुढ़िया मां"
राकेश चौरसिया
रामजी कर देना उपकार
रामजी कर देना उपकार
Seema gupta,Alwar
हमें
हमें
sushil sarna
ज़िन्दगी..!!
ज़िन्दगी..!!
पंकज परिंदा
3035.*पूर्णिका*
3035.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*जोड़कर जितना रखोगे, सब धरा रह जाएगा (हिंदी गजल))*
*जोड़कर जितना रखोगे, सब धरा रह जाएगा (हिंदी गजल))*
Ravi Prakash
पर्यावरण से न कर खिलवाड़
पर्यावरण से न कर खिलवाड़
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
"यादों की रेल"
Dr. Kishan tandon kranti
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
श्री गणेश जी का उदर एवं चार हाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
तुझसे है मुझे प्यार ये बतला रहा हूॅं मैं।
सत्य कुमार प्रेमी
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
Phool gufran
विचार
विचार
अनिल कुमार गुप्ता 'अंजुम'
मैं पत्थर की मूरत में  भगवान देखता हूँ ।
मैं पत्थर की मूरत में भगवान देखता हूँ ।
Ashwini sharma
दीपावली पर बेबहर गज़ल
दीपावली पर बेबहर गज़ल
मधुसूदन गौतम
✍️ दोहा ✍️
✍️ दोहा ✍️
राधेश्याम "रागी"
प्रत्येक मनुष्य के  जीवन में घटित घटनाओं की यादें उस व्यक्ति
प्रत्येक मनुष्य के जीवन में घटित घटनाओं की यादें उस व्यक्ति
पूर्वार्थ
वो सपने, वो आरज़ूएं,
वो सपने, वो आरज़ूएं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
जिंदगी खफा हो के किनारे बैठ गई है
जिंदगी खफा हो के किनारे बैठ गई है
Smriti Singh
कलश चांदनी सिर पर छाया
कलश चांदनी सिर पर छाया
Suryakant Dwivedi
क्यो लेट जाते हो बिछौने में दुखी मन से,
क्यो लेट जाते हो बिछौने में दुखी मन से,
Buddha Prakash
#गुरु ही साक्षात ईश्वर (गुरु पूर्णिमा पर्व की अनंत हार्दिक श
#गुरु ही साक्षात ईश्वर (गुरु पूर्णिमा पर्व की अनंत हार्दिक श
krishna waghmare , कवि,लेखक,पेंटर
न कोई काम करेंगें,आओ
न कोई काम करेंगें,आओ
Shweta Soni
कलियुग की सीता
कलियुग की सीता
Sonam Puneet Dubey
सफर पर है आज का दिन
सफर पर है आज का दिन
Sonit Parjapati
"कुछ दबी हुई ख़्वाहिशें है, कुछ मंद मुस्कुराहटें है,
शेखर सिंह
Loading...