*नव दुर्गास्तुति* इसे गाकर पढ़े। आनंद आएगा
★नव दुर्गा स्तुति★
मैया ऋ जगदम्बे मैया “मधु” बालक नादान है।
चरण शरण में लेले ऋ मैया,दे अभय का दान है।
नवरात्रि में पूजा होती नव दुर्गा कहलाय माँ
कोई मनोरथ बाकि न रहे, जो चाहे वो पाये मां
सभी मनोरथ पूरे करती कुछ भी न बच पाये मां
निर्मल मन से जो कोई ध्यावे उसको देती वरदान है।
मैया री।
शैलराज के आँगन जन्मी,शैलसुता तुम कहलाई।
प्रथम रूप में मेरी मैया, स्तुति देवो ने है गाई।
द्वितीय रूप ब्रह्मचारिणी , धारण माता तुम कीन्हा।
घोर तपस्या करके मैया,शंकर जैसा वर लीन्हा।
ब्रह्मचारिणी ज्ञान की देवी,मिटा सकल अज्ञान है।
मैया री…
चंद्रघटा में रूप तुम्हारा,तीसरा अवतार जो।
जितने भी है भाव नकारा उनका करती संहार है।
करती इसीलिये पूरे माँ जो जिसके सब अरमान तू।
चतुर्थ रूप में माँ कुष्मांडा, सृष्टि का आधार है।
सूक्ष्म से स्थूल करने का, तू पूरा भंडार है।
करके कृपा तुम जग में भर दे री विज्ञान है।
मैया री ……
कर्म प्रधान रूप तेरा मां पंचम अवतारी है।
व्यवहारिक ज्ञान की दाता, जग तेरा आभारी है।
स्कंदमाता बनकर पंचम देती हे सन्तान है।
मैया री।।।।।।।।।।
छठवें रूप में तुम कहलाती, कात्यायनी के नाम से।
जिसमे कोप प्रकट होता है अच्छाई के काम से।
आडम्बर से दूर करे माँ कात्यायनी विधान से।
अच्छे बुरे का समझा दे मुझको माँ विधान है।
काल निशा में कालरात्रि रूप तेरा विक्राल है।
तन्त्र मन्त्र सब जग के हित में देती हे विशाल है।
सप्त रूप में कालरात्रि बनकरती हे कल्याण है।
मैया री।।।।।।।।।।।।।
अष्ट दिवस में महागौरी बन सारे सारे ही काम री
शेष महेश सभी तोहे ध्यावे सबसे ऊंचा नाम री
मेरे ऊपर दया तू क्र दे बनकर के दयावान है।
मैया री।।।।।।।।।।।।।।।।।।।
नवम रूप में देती सिद्धि ,सिद्धि दात्री कहलाती।
दुनिया तुझको जो भी भजती, मनचाही सिद्धि पा जाती।
देदे सिद्धि “मधु “को इतनी,हर ले सब अभिमान है।
मैया री जगदम्बे माता….
कलम घिसाई
मधुसूदन गौतम कॉपीराइट
अटरू