नवोदय
भारत के सभी विद्यालयों में ,
सबसे अनमोल रत्न है नवोदय
एकमात्र विद्यालय जगत में ,
जहाँ स्वजनों से दूरस्थ रह भी
सम्प्राप्ति स्वजन – सा प्रेम है ,
आजी, हाँ वह है नवोदय।
जहाँ के आचार्य मातृ – पितृ तुल्य,
छात्र हमारे भ्राता – अग्रजा तुल्य ,
प्राचार्य जहाँ के अभिभावक तुल्य ,
भले ही रुधिर का रिश्ता नहीं हमारा ,
पर, रुधिर का रिश्ता की दृष्टांता जहाँ ,
आजी, हाँ वह है नवोदय।
संवेगहीन वातावरण का माहौल ,
मानस एकाग्रचित्त होता जहाँ ,
दुखों में म्लानि साझा करने वाला ,
खुशियों में संयोग झूमने वाला जहाँ ,
आजी, हाँ वह है नवोदय।
शीतल पवन का आलय जहाँ ,
निर्मल वायु का आदान – प्रदान ,
जहाँ के सिद्धांत का पालन कर ,
कालेवरिक के मेल नैसर्गिक भी ,
रहते नित्य पूर्णतः तंदुरुस्त छात्र ,
आजी, हाँ वह है नवोदय।
✍️✍️✍️उत्सव कुमार आर्या