“” *नवीन नवनीत* “”
“” नवीन नवनीत “”
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( 1 )” नवीन ”
नवनीत आदर्श हमारे,
बनें रहेंगे सदा वे नवीन !
इनके नक़्श-ए-क़दम पे चल रहे…..,
देखे सपनों को करेंगे पूरा है यकीन !!
( 2 )” नवीन ”
प्रेरणा पुंज हमारे,
थे बड़े ही धार्मिक और ज़हीन !
इनकी सरलता देखते ही बनती थी….,
थे निष्णात विरल स्वभाव के नवीन !!
( 3 )” नवीन ”
बसे हृदय हमारे,
करते चलें आलोकित धर्म-जमीन !
हैं इनके ही हम प्रतिछाया विस्तार सारे..,
ये जा बसे श्रीप्रभुधाम, हुए तल्लीन !!
( 4 )” नवीन ”
स्वास्थ्य पहुँचे घरद्वारे,
गरीब आएं कराने जाँच रूटीन !
है अब यही सभी का मिशन यहाँ पे…..,
सदा अमर अजर बनें रहेंगे नवीन !!
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सुनीलानंद
शनिवार,
18 मई, 2024
जयपुर,
राजस्थान |