नवाब तो छा गया …
अरे नवाब तू तो छा गया ,
चौपाओं में सबसे सर्वश्रेष्ठ ।
भाग्य से पाए प्यारे माता पिता ,
भोले की कृपा दिलवाई विशेष ।
चार धाम यात्रा करवा कर ,
जिन्होंने तेरा जन्म संवारा ।
जीव तो बेजुबान ही सही ,
परंतु पशु है तू सबसे न्यारा ।
होगी तू कोई शापित रूह,
जो जन्म से श्वान बन गया ।
मगर कर्म तेरे सबसे उच्च ,
तुझे मुक्ति का मार्ग मिल गया ।
धन्य हैं तेरे अभिभावक,
सच्चे भगवान के भक्त ।
जिनकी अंतरात्मा ने माना ,
तुझे भी बना दिया उसका भक्त ।
ईश्वर की नजर में सभी जीव एक है ,
हैं सभी उसकी संताने ।
मगर यह अंधविश्वासी , पोंगा पंडित,
यह गूढ़ रहस्य का ज्ञान ना जाने ।
एक तरफ देवताओं के साथ ,
उनके वाहनों को तो पूजते ।
सिंह ,नंदी , हो या मूषक ,श्वान ,
परंतु आया द्वार जब भेरों बाबा का रूप ,
तो जाने क्यों हैं दुत्कारते ।
सही मायनों में अब इस कलयुग में ,
यही तो है शुद्ध और पवित्र आत्मा ।
मानवीय बुराइयां ,पापों से कोसों दूर ,
निष्कपट ,निष्कलंक देव तुल्य आत्मा।
फिर क्यों न हो इन्हें देव दर्शन का अधिकार ,
और क्यों न शामिल हो पूजा अर्चना में?
बुद्धि और ह्रदय इनके तन में भी है ,
कोई कमी नहीं इनके ईश्वरीय आराधना में।
निसंदेह यह हो सकते है ,
ईश्वर के अधिक निकट ।
कामनाएं ,इच्छाएं , लालच ,
के बिना इनका जीवन निष्कंटक ।
आज के मानव से पशु ही श्रेष्ठ है ,
जिनमें मानव न होते हुए भी है मानवता ।
मगर मानव में मानव होकर भी न बची ,
थोड़ी सी भी मानवता ।
नवाब को उसके अभिभावकों ने न माना ,
केवल पशु ,अपितु माना एक ईश्वर का अंश ।
पुत्र बनाकर पालन पोषण किया ,
बनाया उसे अपने जीवन का महत्वपूर्ण अंश ।
धन्य है त्यागी दंपत्ति ,
जिनका ज्ञान और विचार हैं सर्वश्रेष्ठ ।
ऐसे बेजुबानों को प्यार करने वाले ,
इंसान होते है दुनिया में सबसे श्रेष्ठ ।