Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
29 May 2024 · 1 min read

नववर्ष

नव वर्ष तुम्हारा मंगल हो !
नव वर्ष हमारा मंगल हो !

कडवे-खारे, खट्टे-मीठे
अनुभव का पिछला वर्ष रहा।
धूप-छाँव के खेल में जीवन
शोक-विषाद या हर्ष रहा।
जो बीत गई सो बीत गई,
अब सोच उसे पछताना क्या!
नववर्ष तुम्हारा मंगल हो!
नववर्ष हमारा मंगल हो !

साथ चले थे कितने ही,
जो, छूट गए संगी-साथी।
बचपन के ख्वाब रहे, छूटे,
नवयुग के नये-नये साथी।
अविचल हों , सबके प्राण रहें।
हर जीवन का बस त्राण रहे।
छूट गए और जुड़ गए को गिन,
हँसना-रोना-चिल्लाना क्या?
नववर्ष तुम्हारा मंगल हो!
नववर्ष हमारा मंगल हो!

तुमने भी तो पिछले नाते तोड़ लिए थे,
नए साथ के लिए पुरानी रस्में छोड़ दिए थे।
हमने भी तो हाथ बढ़ाया मन रखने को,
हम भी कहाँ उठे नया इतिहास गढ़ने को।
नये वर्ष में, चलो, नया एक काम करते हैं,
कुछ तुम आओ, कुछ हम आएँ, एक पैगाम करते हैं।
भूले-बिसरे वर्षों से कुछ सपनों को ज़िन्दा करते हैं।
बिखर पड़े जो रिश्ते हैं , अब उनको ज़िंदा करते हैं।
नये वर्ष में नये-नये परिवर्तन से घबराना क्या!
नववर्ष तुम्हारा मंगल हो !
नववर्ष हमारा मंगल हो!

46 Views

You may also like these posts

जग अंधियारा मिट रहा, उम्मीदों के संग l
जग अंधियारा मिट रहा, उम्मीदों के संग l
Shyamsingh Lodhi Rajput "Tejpuriya"
जब-जब निज माता को छोड़,
जब-जब निज माता को छोड़,
पंकज कुमार कर्ण
क्या तुम कभी?
क्या तुम कभी?
Pratibha Pandey
रेत सी इंसान की जिंदगी हैं
रेत सी इंसान की जिंदगी हैं
Neeraj Agarwal
बहाने
बहाने
पूर्वार्थ
**जिंदगी रेत का ढेर है**
**जिंदगी रेत का ढेर है**
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
स्मृति ओहिना हियमे-- विद्यानन्द सिंह
श्रीहर्ष आचार्य
बेहद मुख्तसर सी
बेहद मुख्तसर सी
हिमांशु Kulshrestha
अब छोड़ जगत क्षआडंबर को।
अब छोड़ जगत क्षआडंबर को।
रामनाथ साहू 'ननकी' (छ.ग.)
हमारी लता दीदी
हमारी लता दीदी
संजीवनी गुप्ता
मैं
मैं "लूनी" नही जो "रवि" का ताप न सह पाऊं
ruby kumari
विष बो रहे समाज में सरेआम
विष बो रहे समाज में सरेआम
Umesh उमेश शुक्ल Shukla
कुंडलिया
कुंडलिया
अवध किशोर 'अवधू'
गांव का घर
गांव का घर
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
भारत माँ के वीर सपूत
भारत माँ के वीर सपूत
Kanchan Khanna
मेरे जब से सवाल कम हैं
मेरे जब से सवाल कम हैं
Dr. Mohit Gupta
शीर्षक: बाबुल का आंगन
शीर्षक: बाबुल का आंगन
Harminder Kaur
"सच्चाई"
Dr. Kishan tandon kranti
चंचल मोर सा मन
चंचल मोर सा मन
SATPAL CHAUHAN
3453🌷 *पूर्णिका* 🌷
3453🌷 *पूर्णिका* 🌷
Dr.Khedu Bharti
!! ये सच है कि !!
!! ये सच है कि !!
Chunnu Lal Gupta
- क्या कहना -
- क्या कहना -
bharat gehlot
फूलों ने कली
फूलों ने कली
manjula chauhan
*हूँ कौन मैं*
*हूँ कौन मैं*
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कल से बेहतर  आज है,
कल से बेहतर आज है,
sushil sarna
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
जब आए शरण विभीषण तो प्रभु ने लंका का राज दिया।
Prabhu Nath Chaturvedi "कश्यप"
गमों के साये
गमों के साये
Swami Ganganiya
यही समय है, सही समय है, जाओ जाकर वोट करो
यही समय है, सही समय है, जाओ जाकर वोट करो
श्रीकृष्ण शुक्ल
"ख़ामोशी"
Pushpraj Anant
हसरतें
हसरतें
Sarla Sarla Singh "Snigdha "
Loading...