नववर्ष
नव वर्ष आया,खुशियाँ हजार लाया।
आओ सब मिल के खुशियाँ मनायेंगे,
चलो मिल के आज गीत गुनगुनायेंगे।
पिछले वरष जो ना मिला,
वो इस वरष में मिल जायेगा।
जो फूल कल तक था न खिला,
वो इस चमन में खिल जायेगा।।
ये लम्हा ये पल न कल आयेगा।
आओ झूमें सभी, मिल के नाचें सभी।
एक सपना नया फिर सजायेंगे,
चलो मिल के आज गीत गुनगुनायेंगे।
छोड़ो सभी शिकवे -गिले,
दो दिन की है ज़िंदगानी यहाँ।
जी भर जियो जो भी मिले,
रह जायेगी बस कहानी यहाँ।
जन्नत से प्यारा है सारा जहाँ।
छोड़ो बातें पुरानी, न हो आंखो में पानी।
एक दुनिया नयी फिर बसायेंगे,
चलो मिल के आज गीत गुनगुनायेंगे।
नये वर्ष में हों इरादें नये,
नये हौसलों संग चले राह में।
खुद से करो फिर से वादे नये,
नयी कल्पनायें भरें चाह में।
नया सफर, नया डगर नये रंग भरे।
हो उमंगे नयी, हो तरंगें नयी।
नयी यादों के दीप जगमगायेंगे,
चलो मिल के आज गीत गुनगुनायेंगे।
©वन्दना नामदेव