नववर्ष-नवजीवन
करता हूँ स्वागत,नव वर्ष तुम्हारा।
हरो इस जगत का,तुम अंधियारा।।
सबके मन में,जगे नयी आशा।
बोले सभी जन,प्रेम की भाषा।।
घर-घर में फिर फैले,नूतन उजियारा।
करता हूँ★★★★★★★★★★।।
जन-जन में सदा,सद्भाव रहे।
आपस में कोई न,भेदभाव रहे।।
मिटे पुरानी रीति,कायम रहे भाईचारा।
करता हूँ★★★★★★★★★★★।।
रचयिता-कवि कुलदीप प्रकाश शर्मा”दीपक”
मो.नं.-9628368094,7985502377