नववर्ष की स्वागत अद्भुत हो ।
नववर्ष की स्वागत अद्भुत हो ।
नववर्ष की स्वागत अद्भुत हो ,
उसके बाद जिसे न बेटी उसे बेटी
और जिसे न बेटा उसे पुत्र हो ।।
कमला , कोसी , गंगा बहती नदी ,
नील , हुगली ब्रह्मपुत्र हो ,
जो ग़लत है उसे सज़ा
उसे न फिर अगली छूट हो ।।
नववर्ष की स्वागत अद्धभुत हो ,
पूजा पाठ फल फूल से करने के लिए
सब एकजुट हो ।
हम रोशन हम कवियों की कल्पना न झूठ हो ,
जहां तहां प्रेम की लूट हो ।।
इस प्रकार नववर्ष की
स्वागत अद्भुत हो ।।
हर कहीं शिव शंकर ,हनुमान, राम सीता, भगवान
कहीं न बूरी आत्मा और भूत हो
कहीं न छुआछूत हो ,
हमारी उम्मीदें दो हज़ार बीस से
कहीं ज़्यादा मज़बूत हो ।।
इस तरह दो हज़ार इक्कीस
नववर्ष की स्वागत अद्भुत हो ,
✍️ रोशन कुमार झा
सुरेन्द्रनाथ इवनिंग कॉलेज, कोलकाता
ग्राम :- झोंझी , मधुबनी , बिहार,
कविता :- 18(65)