Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
4 Feb 2023 · 2 min read

नववर्ष की चुनौतियां और तैयारियां

नववर्ष की चुनौतियां और तैयारियां
****************************
नववर्ष के साथ नयी नयी
चुनौतियां भी कम नहीं है,
कोरोना का नया वैरिएंट अभी से धमका रहा है।
राजनीति का पराभव
किसी खतरे से कम नहीं है,
नेताओं के बिगड़ते बोल
देश की मानसिकता दूषित कर रहे हैं,
स्वार्थ में अंधे नेता
देश के लिए जोंक से कम नहीं हैं।
जेल में नेता विधायक सांसद की अब बात क्या करें
मंत्री भी अब तो जेल से ही मंत्रालय चला रहे।
अराजकता और आतंकवाद
फैलने/फैलाने के खतरे बरकरार हैं,
देश को अस्थिर और कमजोर ही नहीं
षड्यंत्र कर देश को हर स्तर पर
नीचा दिखाने का प्रयास करते रहने वाले
देश में कथित रहनुमा भी कम नहीं हैं।
नारियों में भय आज भी बरकरार है
हर बात पर सरकार पर
आरोप लगाने वालों की भरमार है।
संसद विधानसभाएं अखाड़ा सी
अब लगने लगी हैं,
जनता के धन पर बेशर्मी से नृत्य की
जैसे रीति बन गयी है।
बेरोजगारी डरा रही है,
बढ़ती जनसंख्या भारी पड़ रही
जनसंख्या नियंत्रण चुनौती है,
जनसंख्या नियंत्रण बिल
अभी टेढ़ी खीर लगती है।
अल्पसंख्यक बहुसंख्यक का खेल
खतरनाक हो रहा है,
लगता है जैसे हमारे लोकतंत्र को
हर दिन डरा है,
समस्याएं स्वास्थ्य, शिक्षा की
अभी भी कम नहीं हैं,
हमारी सरकारें प्रयास भी
कम नहीं कर रही हैं।
संवैधानिक संस्थाओं पर हमले
हमारी व्यवस्था को मुँह चिढ़ा रहे हैं,
तैयारियों पर चुनौतियां भारी पड़ रही हैं।
देश की अर्थव्यवस्था को
मुँह चिढ़ा रही हैं।
हम भी कम नहीं हैं,
हाथ पर हाथ धरे सरकार का मुंह ताकते हैं।
सुविधाएं सब सरकार से ही चाहते हैं
रेवड़ी संस्कृति की तारीफ कर रहे हैं। शंंश
साथ ही सरकार की राह में
रोड़े अटकाने में पीछे कहाँ हैं?
चुनौतियों और तैयारियों का
कोई मेल नहीं है,
बाहर भीतर की कैसी भी चुनौतियां
सरकार हर चुनौती से निपट सकती है
मगर उसकी हर तैयारी में
हम आप ही नित नयी
दीवार बन रहे हैं,
देश के विकास में काँटे बिछा रहे हैं।
औरहम बड़ी शान से आज भी
अंग्रेजी नववर्ष मना रहे हैं
अपनी गुलाम मानसिकता का ढोल पीट रहे।

● सुधीर श्रीवास्तव
गोण्डा, उ.प्र.
8115285921
©मौलिक, स्वरचित,

Language: Hindi
1 Like · 78 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
मसला ये हैं कि ज़िंदगी उलझनों से घिरी हैं।
ओसमणी साहू 'ओश'
मैं  ज़्यादा  बोलती  हूँ  तुम भड़क जाते हो !
मैं ज़्यादा बोलती हूँ तुम भड़क जाते हो !
Neelofar Khan
#Motivational quote
#Motivational quote
Jitendra kumar
बे खुदी में सवाल करते हो
बे खुदी में सवाल करते हो
SHAMA PARVEEN
पर्यावरण से न कर खिलवाड़
पर्यावरण से न कर खिलवाड़
गायक - लेखक अजीत कुमार तलवार
मेरे मुक्तक
मेरे मुक्तक
निरंजन कुमार तिलक 'अंकुर'
मुझसे गुस्सा होकर
मुझसे गुस्सा होकर
Mr.Aksharjeet
सुहागन का शव
सुहागन का शव
अनिल "आदर्श"
जन गण मन अधिनायक जय हे ! भारत भाग्य विधाता।
जन गण मन अधिनायक जय हे ! भारत भाग्य विधाता।
Neelam Sharma
इतनी ज़ुबाॅ को
इतनी ज़ुबाॅ को
Dr fauzia Naseem shad
हम उफ ना करेंगे।
हम उफ ना करेंगे।
Taj Mohammad
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
माँ वीणा वरदायिनी, बनकर चंचल भोर ।
जगदीश शर्मा सहज
तुम्हे याद किये बिना सो जाऊ
तुम्हे याद किये बिना सो जाऊ
The_dk_poetry
🙏 अज्ञानी की कलम🙏
🙏 अज्ञानी की कलम🙏
जूनियर झनक कैलाश अज्ञानी झाँसी
क्षितिज
क्षितिज
Dr. Kishan tandon kranti
रेत पर मकान बना ही नही
रेत पर मकान बना ही नही
कवि दीपक बवेजा
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
पैर, चरण, पग, पंजा और जड़
डॉ० रोहित कौशिक
दिल्लगी
दिल्लगी
Dipak Kumar "Girja"
यूं सच्चे रिश्तें भी अब मुसाफ़िर बन जाते हैं,
यूं सच्चे रिश्तें भी अब मुसाफ़िर बन जाते हैं,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Being with and believe with, are two pillars of relationships
Sanjay ' शून्य'
मकान जले तो बीमा ले सकते हैं,
मकान जले तो बीमा ले सकते हैं,
पूर्वार्थ
अनमोल वचन
अनमोल वचन
Jitendra Chhonkar
एक सरकारी सेवक की बेमिसाल कर्मठता / MUSAFIR BAITHA
एक सरकारी सेवक की बेमिसाल कर्मठता / MUSAFIR BAITHA
Dr MusafiR BaithA
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
समंदर में नदी की तरह ये मिलने नहीं जाता
Johnny Ahmed 'क़ैस'
*वंदे मातरम् (मुक्तक)*
*वंदे मातरम् (मुक्तक)*
Ravi Prakash
आपसी समझ
आपसी समझ
Dr. Pradeep Kumar Sharma
मैं
मैं
Artist Sudhir Singh (सुधीरा)
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
*शीर्षक - प्रेम ..एक सोच*
Neeraj Agarwal
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
🌹जादू उसकी नजरों का🌹
SPK Sachin Lodhi
जल बचाओ, ना बहाओ।
जल बचाओ, ना बहाओ।
Buddha Prakash
Loading...