Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
31 Dec 2024 · 1 min read

नवल वर्ष की खूब बधाई

नवल वर्ष की बेला आई।
सबजन देते खूब बधाई।।
नवल वर्ष नव खुशियाँ लाए।
सुख वैभव सब जनगण पाए।।

बहे ज्ञान की पावन धारा।
लगे कर्म सत सबको प्यारा।।
खुलें द्वार उन्नति के सारे।
मिटें दर्द जनगण के सारे।।

रोजगार की बेला आए।
उचित नौकरी हर इक पाए।।
भक्ति शक्ति को सब पहचानें।
उचित कर्म की महिमा जानें।।

विनय ‘ओम’ की प्रभुवर सुनना।
ताना बाना विधिवत बुनना।।
उचित कृपा सबपर बरसाना।
उचित पंथ सबको दिखलाना।।

ओम प्रकाश श्रीवास्तव
शिक्षक व साहित्यकार
कानपुर नगर

24 Views

You may also like these posts

न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
न‌ वो बेवफ़ा, न हम बेवफ़ा-
Shreedhar
मन डूब गया
मन डूब गया
Kshma Urmila
तेरी कमी......
तेरी कमी......
Abhinay Krishna Prajapati-.-(kavyash)
यूं सियासत ज़रा सी होश-ओ-हवास में करना,
यूं सियासत ज़रा सी होश-ओ-हवास में करना,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
पलटे नहीं थे हमने
पलटे नहीं थे हमने
Dr fauzia Naseem shad
प्रीतम दोहावली- 3
प्रीतम दोहावली- 3
आर.एस. 'प्रीतम'
**** दर्द भरा मुक्तक *****
**** दर्द भरा मुक्तक *****
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
विवशता
विवशता
आशा शैली
दुनियादारी
दुनियादारी
Surinder blackpen
-अपनी कैसे चलातें
-अपनी कैसे चलातें
Seema gupta,Alwar
रोक दो जुल्म अब मन्दिर मस्जिद के नाम पर... ..
रोक दो जुल्म अब मन्दिर मस्जिद के नाम पर... ..
shabina. Naaz
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
जिंदगी जिंदादिली का नाम है
नंदलाल सिंह 'कांतिपति'
* चांद के उस पार *
* चांद के उस पार *
surenderpal vaidya
*लहरा रहा तिरंगा प्यारा (बाल गीत)*
*लहरा रहा तिरंगा प्यारा (बाल गीत)*
Ravi Prakash
Perhaps the most important moment in life is to understand y
Perhaps the most important moment in life is to understand y
पूर्वार्थ
हिंदी दिवस पर ग़ज़ल
हिंदी दिवस पर ग़ज़ल
डॉ सगीर अहमद सिद्दीकी Dr SAGHEER AHMAD
निस्वार्थ प्रेम
निस्वार्थ प्रेम
Shutisha Rajput
वो सितारे फ़लक पर सजाती रही।
वो सितारे फ़लक पर सजाती रही।
पंकज परिंदा
जिन्दगी खूबसूरत है ...
जिन्दगी खूबसूरत है ...
Sunil Suman
😊अपडेट😊
😊अपडेट😊
*प्रणय*
4802.*पूर्णिका*
4802.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
मुझको चाहिए एक वही
मुझको चाहिए एक वही
Keshav kishor Kumar
"जिन्दगी"
Dr. Kishan tandon kranti
नयी कोपलें लगी झाँकने,पा धरती का प्यार ।
नयी कोपलें लगी झाँकने,पा धरती का प्यार ।
Jyoti Shrivastava(ज्योटी श्रीवास्तव)
भस्म लगाई जिस्म पर,
भस्म लगाई जिस्म पर,
sushil sarna
तब घर याद आता है
तब घर याद आता है
डॉ. दीपक बवेजा
Whenever Things Got Rough, Instinct Led Me To Head Home.
Whenever Things Got Rough, Instinct Led Me To Head Home.
Manisha Manjari
वर्तमान क्षण
वर्तमान क्षण
Mahender Singh
Disagreement
Disagreement
AJAY AMITABH SUMAN
जीवन की रंगीनियत
जीवन की रंगीनियत
Dr Mukesh 'Aseemit'
Loading...