नवयुग के साथ ____ दोहे
दुमदार_ दोहे
नवयुग के साथ में नए _नए परिधान।
सरेराह काया दिखा_ समझ रहे है शान ।।
न ऐसे वैसे डोलो __ इन्हे कुछ कोई तो बोलो।।
केश शीश के अटपटे _ कटा लिए क्यों भाई ।
फैशन कैसी यह चली _ शर्म नही क्यों आई ।।
किसी की नहीं हो सुनते _ राह यह कैसी चुनते।।
ले मोबाइल हाथ में_ चित्र खींचें दिन रात।
दौर सेल्फी का चला_ सभी और यह बात।।
रात रात भर इसको देखे _ भूल रहे पड़ने के लेखेः।।
हम शिक्षक स्कूल के _ पालक आते पास ।
बेटे बेटी सुने नहीं _ कहते होके उदास।।
हमसे भी अकड़ हे जाते _राह सही जो उन्हें बताते।।
राजेश व्यास अनुनय