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23 Oct 2019 · 1 min read

नवप्रभात

किसलय पर पड़ी ओस की बूँदों पर जब सूरज की पहली किरण पड़ी तो प्रकृति मुस्करायी।
और नवप्रभात आगमन पर चिड़ियाँ चहचहायीं। कोयल ने मधुर गान से स्वागत किया।
शीतल पवन ने लहराकर नवचेतना का संचार मानस पटल पर किया ।
मन्दिरों मे बजती घंटियों के समवेत् स्वर ने नवजीवन आवाहन से ओतप्रोत् किया।
माँ वसुंन्धरा ने अपने वात्स्लय से मुझे इस समय चक्र में आगे बढ़ने और कठिनाइयों से जूझने के लिये उत्प्रेरित किया।

Language: Hindi
4 Comments · 408 Views
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