नर सेवा नारायण सेवा
समर्पण युवा संगठन के स्थापना दिवस पर मेरी ओर से एक स्वरचित कविता समर्पित है
जनकल्याण की भावना रखकर,
एक पवन संकल्प बनाया है।
युवा की चेतना जागृत करने,
हमने यह बीड़ा उठाया है।।1।।
नर सेवा नारायण सेवा,
यही संकल्प हमारा है।
सबमे हमको ईश्वर दिखता,
मानव धर्म ही न्यारा है।।2।।
भूखे को भोजन और पानी,
गरीब को वस्त्र ओढ़ाया है।
अपने जीवन का हर क्षण,
मानव सेवा में लगया है।।3।।
मातृशक्ति है साहस अपना,
मार्गदर्शन इन्ही से पाया है।
माता ही है दुनिया सारी,
सारा ब्रह्मांड समाया है।।4।।
जीवन के संकट के क्षण में,
हम भारत माँ के साथ है।
कोई अकेला नहीं यहां पर,
सबका हांथो में हाँथ है।।5।।
स्वरचित कविता
तरुण सिंह पवार