नर नारी संवाद
#justareminderekabodhbalak
#drarunkumarshastriblogger
मेरी स्मृति मेरी अनुभूति
तेरी सहानुभूति मात्र
मेरा अनुमान था ।।
तू महज कुछ और नहीं
एक दूसरा इंसान था ।।
सच गलत के बीच
एक छोटा सा मुगालता
ही तो मेरे लिए पहाड़ था ।।
समय रहते समझ पाना
जिसे मुझसे ना समझ के लिए
सबसे बड़ा व्यवधान था ।।
ना ही स्वीकारूँगा इसे
ना ही नकारूँगा इसे ।।
एक तरफ़ा बात होती
तो बात ही कुछ और थी
बस इश्क का यही एक
इकलौता वरदान था ।।