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15 Dec 2018 · 4 min read

नर्सरी राइम्स

1
मछली
******

रंगबिरंगी मछली प्यारी
ये जल की है राजकुमारी
बस पानी में रह पाती है
बाहर आकर मर जाती है

2
बंदर
*****
उछल कूद करते ये बंदर
घुस आते हैं घर के अंदर
अपनी दादागिरी चलाते
खों खों करके हमें डराते
3
कोयल रानी
*****
जरा बताओ कोयल रानी
क्यों है इतनी मीठी बानी
कुहू कुहू जब तुम गाती हो
हम सबके मन को भाती हो

4
4
काला कौआ
*****
काँव काँव कर चिल्लाता है
कौआ कब मन को भाता है
तन है इसका काला काला
दिखता कितना भोला भाला

5

चिड़िया रानी
*******

नन्ही सी है चिड़िया रानी
खाती दाना पीती पानी
फुदक फुदक कर देखो चलती
आसमान में ऊँची उड़ती

6
कुत्ता
******

कुत्ता वफादार होता है
चौकन्ना होकर सोता है
घर की रखवाली करता है
हर कोई इससे डरता है
7
बिल्ली
******

चूहे पकड़ पकड़ कर लाती
बड़े स्वाद से उनको खाती
बिल्ली बड़ी सयानी भाई
खूब उड़ाती दूध मलाई
8
चींटी रानी
*****
चींटी रानी चींटी रानी
थोड़ा सा तुम पी लो पानी
चलते चलते थक जाओगी
काम नहीं फिर कर पाओगी
9
हाथी दादा
****

हाथी दादा केला खाओ
अब गुस्से को दूर भगाओ
हमको थोड़ी सैर कराओ
सर्कस वाले खेल दिखाओ

10
ऊंट
****
ऊँचा कद है लम्बी गर्दन
ऊँट रेत पर दौड़े दन दन
चाल चले ऐसी मतवाली
बच्चे देख बजाएं ताली
11
गधे राम जी
*****

सीधे सादे गधे राम जी
करते रहते सदा काम जी
ढेंचु ढेंचू इनकी बोली
लगती दिल को जैसे गोली

12
घोड़ा
******
घोड़ा सरपट दौड़ लगाता
टपर टपर का शोर मचाता
करतब बड़े बड़े दिखलाता
हीं हीं करके दाँत दिखाता

13
कबूतर
******

रोज कबूतर छत पर आते
चुग चुग सारे दाने खाते
गर्दन मटकाकर इतराते
गुटर गुटर गूँ गीत सुनाते

14
चूहा -चुहिया
******************
चूहा मोटा चुहिया पतली
मिली उन्हें काजू की कतली
चूहा तो था तगड़ा तगड़ा
खूब हुआ दोनों में झगड़ा

15
बकरी
*****
बकरी में में में में करती
घर में खूब चौकड़ी भरती
दूध न इसका मन को भाता
पर डेंगू से हमें बचाता
16
बादल
******

काले बादल, गोरे बादल
आसमान में छाये बादल
कभी धूप से खिल खिल जाते
कभी गरज कर हमें डराते
17
चाँद
***
चाँद सुनाता मीठी लोरी
रंगत इसकी गोरी गोरी
सूरत प्यारी बड़ी सलोनी
खूब खेलता आँख मिचोनी

18
तारे
****
झिलमिल झिलमिल करते तारे
नभ में बिखरे रहते सारे
लगते कितने प्यारे प्यारे
पर हम गिनते गिनते हारे

19
बरखा रानी
*********

जब भी आतीं बरखा रानी
टप टप टप टप गिरता पानी
मम्मी लेकर आती छाता
मगर भीगना हमको भाता

20
सूरज काका
*****

सूरज काका जल्दी उठते
देर नहीं बिल्कुल भी करते
किरणों का वो जाल बिछाते
कितने प्यारे फूल खिलाते

21
फूल
****
फूल सभी के दिल को भाते
अपनी खुशबू को बिखराते
काँटों में भी हँसते रहते
खिलते और बिखरते रहते

22
पेड़ लगाओ
****
पेड़ों से ही जनजीवन है
इनसे मिलती ऑक्सीजन है
कटने मत दो इन्हें बचाओ
पेड़ लगाओ पेड़ लगाओ

23
स्कूल
*****
स्कूल हमें अच्छा लगता है
मगर सुबह उठना पड़ता है
होमवर्क करते रह जाते
नहीं खेलने भी जा पाते

24
दीवाली
******

देखो आई है दीवाली
खुशियाँ लाई है दीवाली
हमने घर में दीप जलाये
और पटाखे खूब चलाये

25

पतंग
*****

कागज की हैं बनी पतंगें
रंग बिरंगी सजी पतंगें
आसमान में ऊँची उड़तीं
कट जाती तो नीचे गिरतीं

26
क्रिकेट
********
देख हाथ में क्रिकेट बल्ला
मम्मी खूब मचाती हल्ला
जगह नहीं है घर के अंदर
खेलो इसको बाहर जाकर

27
पुस्तक
*******
पुस्तक पढ़ना अच्छी आदत
इसको रखना अच्छी आदत
ये हम सबका ज्ञान बढ़ाती
जग में इक पहचान दिलाती

28
गुब्बारे
******
रंगबिरंगे ये गुब्बारे
बच्चों को लगते हैं प्यारे
फूक मारकर इन्हें फुलाते
अगर फूटते तो डर जाते

29
कार्टून
******

कार्टून की दुनिया न्यारी
सूरत लगती प्यारी प्यारी
इसकी बातें सबको भातीं
बच्चों को तो खूब हँसातीं

30
सब्जी वाला

मटर, टमाटर, गोभी ले लो
आलू, भिंडी, लौकी ले लो
जब भी सब्जी वाला आता
देखो कितना ये चिल्लाता

31

देखो एक मदारी आया
साथ जमूरे को भी लाया
बंदर जी ने ढोल बजाया
बंदरिया ने नाच दिखाया

32
दादाजी

दादाजी बाज़ार चलो अब
लेकर अपनी कार चलो अब
खूब घूमकर आयेंगे हम
टिक्की कुल्फी खायेंगे हम

33
बंदूक

पापा इक बंदूक दिला दो
और चलाना उसे सीखा दो
जब मैं सीमा पर जाऊँगा
उससे दुश्मन को मारूँगा

34

दादी

दादी प्यार बहुत करती है
रोज नई कविता लिखती है
कहती है वो मेरे शोना
हँसते रहना कभी न रोना

35
भालू

जू में देखा मोटा भालू
दिखने में था पूरा कालू
दो पैरों पर खड़ा हुआ जब
हमने फोटो खींच लिया तब

***********************
36
खाना

मम्मी क्यों बस दाल बनाती
सब्जी रोटी रोज खिलाती
हमको भाते पिज़्ज़ा बर्गर
वो तो देती नहीं बनाकर

37
गुड़िया रानी

गुड़िया मेरी भोली भाली
लगती है फूलों की डाली
आँखें इसकी काली काली
हँसती बजा बजा कर ताली।

38
खिलौने

पापा कहते डांट डांट कर
मत छेड़ो मेरा कंप्यूटर
और खिलौने कितने सारे
घर में फिरते मारे मारे

39
गिलहरी

नटखट एक गिलहरी आती
अपनी मूछों में मुस्काती
भोली भाली इसकी सूरत
पर शैतानी की है मूरत

40
विज्ञापन

टीवी पर विज्ञापन आते
बच्चों को तो खूब लुभाते
ऐसी उनकी नकल बनाते
मम्मी पापा भी मुस्काते

41
जोकर

सबको खूब हँसाता जोकर
करतब नये दिखाता जोकर
उल्टे सीधे भेष बनाता
बच्चों बड़ों सभी को भाता

42

होली आई होली आई
बच्चों की है टोली आई
भिगो रहे वो बारी बारी
खड़े हुये लेकर पिचकारी

*************************
15-12-2018
डॉ अर्चना गुप्ता
मुरादाबाद

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