नरेंद्र मोदी की गाथा ( कविता )
नरेंद्र मोदी सब के साथी
सबके चहेते , सबके अंदर
गुजरात में जन्मे नरेंद्र मोदी
तृतीय पुत्र कहलाये ।
चाय बेचकर सेवा की अपने पिता की
अब दूसरी बार प्रधानमंत्री बन कर
कर रहे सेवा मातृभूमि की ।
नरेंद्र मोदी की संघर्ष की कहानी
उनकी गाथा सबसे पुरानी
उनका जीवन संघ प्रारंभ हुआ
निष्ठावन प्रचारक रूप में ।
कभी दार्शनिक बने तो कभी कार्यकर्ता
कभी-कभी तो रणछोड़ भी कहलाएं
प्रत्यागत हुए 1985 ईसवी में
भारतीय जनता पार्टी से जुड़ कर ।
पथप्रदर्शक और सार्वजनिक छवि के कारण
2001 इस्वी में गुजरात के मुख्यमंत्री बने
भ्रष्टाचारी दूर करके , धर्मनिरपेक्षता पालन करते हुए
बालभोग,ज्योति ग्राम जैसे कई योजनाएं लागू किए।
आतंकवाद निरोधक अधिनियम पर सवाल उठाए
विवाद और आलोचनाएं से विमुख नहीं हुए और
गुजरात में अभूतपूर्व नीतियों से सामाजिक ,
आर्थिक एवं सांस्कृतिक में विकास हुआ ।
लोकसभा चुनाव जीत कर शपथ ग्रहण से
2014 में, 14 वें प्रधानमंत्री के रूप में कार्यवाहक बने
देश के विकास के लिए भूटान , मालदीव जैसे देशों का दौरा करके अंतरराष्ट्रीय संबंध मजबूत बनाएं ।
योजना आयोग एवं रेलवे बजट जैसी नीतियों को
खत्म करके भारतीय अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाएं
सूचना प्रौद्योगिकी , स्वास्थ्य एवं स्वच्छता के प्रति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का अहम योगदान रहा ।
हर – हर मोदी घर – घर मोदी की नारा
2019 के लोकसभा चुनाव में गूंज उठा
वही देश का सेनानायक 15 वें
प्रधानमंत्री के रूप में पदार्पण हुआ ।
धारा 370 और 35 A को खारिज करके
कश्मीर और लद्दाख को स्वतंत्र राज्य बनाया
अयोध्या केस , तलाक – ए – विद्दत के
नीतियों को हटाकर संप्रदायों का कल्याण किया ।