नरहरी छन्द
नरहरी छन्द मात्रिक छन्द
14, 5 जी यति विधान अनिवार्य और पदांत
1112 नगण गा से
मात पिता सम्मान सदा, सब करो।
प्रेमभाव व्यवहार यहाँ, तुम करो।
नही कोई है धाम पिता, चरण से।
कर दो रोशन नाम आप, जगत में।
अदम्य
नरहरी छन्द मात्रिक छन्द
14, 5 जी यति विधान अनिवार्य और पदांत
1112 नगण गा से
मात पिता सम्मान सदा, सब करो।
प्रेमभाव व्यवहार यहाँ, तुम करो।
नही कोई है धाम पिता, चरण से।
कर दो रोशन नाम आप, जगत में।
अदम्य