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13 Nov 2020 · 3 min read

नरक चतुर्दशी/हनुमान जन्मोतव” विशेश

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आज का संदेश* ”
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कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष में मनाए जाने वाले पंच पर्व का कल/आज प्रथम दिन “धनतेरस के रूप में मनाया जा रहा है। आज दूसरा दिन अर्थात कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को “नरक चतुर्दशी” के नाम से जाना जाता है। आज के दिन भगवान श्याम सुंदर कन्हैया ने नरकासुर दैत्य का वध करके उसके कारागार से सोलह हजार कन्या, युवती एवं नारियों को मुक्त कराकर एक नया जीवन प्रदान किया। प्राचीन काल में नर्क से मुक्ति पाने के लिए महाराज रंतिदेव ने नरक चतुर्दशी का व्रत करके नर्क जाने से मुक्ति पाई, तभी से इस पृथ्वी लोक में नरक चतुर्दशी का व्रत किया जाने लगा। नरक चतुर्दशी को छोटी दीपावली भी कहते हैं। इसे छोटी दीपावली इसलिए कहा जाता है क्योंकि दीपावली से एक दिन पहले, रात के समय उसी प्रकार दीए के प्रकाश पुंज से रात के तिमिर को दूर भगा दिया जाता है जैसे दीपावली की रात को। यह दीपमालिकायें नरकासुर के वध की प्रसन्नता एवं आततायी के आतंक से छुटकारा मिलने की प्रसन्नता के उपलक्ष्य में सजाई जाती हैं। ऐसी मान्यता है कि कार्तिक कृष्ण चतुर्दशी के दिन प्रातःकाल तेल लगाकर अपामार्ग (चिचड़ी) की पत्तियाँ जल में डालकर स्नान करने से नरक से तो मुक्ति मिलती ही है, साथ ही यदि स्नान के बाद भगवान विष्णु या श्रीकृष्ण के मन्दिर जाकर दर्शन किया जाय तो रूप में निखार एवं तेज बढता है। इसीलिए इसे “रूपचौदस” भी कहा जाता है। आज के दिन विधि-विधान से पूजा करने वाले व्यक्ति सभी पापों से मुक्त हो स्वर्ग को प्राप्त करते हैं।

आज मर्यादापुरुषोत्तम भगवान श्रीराम के अनन्य भक्त,अनंत बलवंत हनुमंत लाल जी का जन्मोत्सव भी बड़ी धूमधाम से लोग श्रद्धा एवं भक्ति के साथ मनाते हैं। हनुमान जयंती का पर्व चैत्र मास की पूर्णिमा को भी मनाया जाता है। परंतु महर्षि वाल्मीकि के अनुसार बजरंगबली का जन्म कार्तिक मास कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी दिन मंगलवार को स्वाति नक्षत्र एवं मेष लग्न में हुआ बाल्मीकि जी के इस कथन को वायु पुराण में भी समर्थन मिलता है वायु पुराण के अनुसार आज के ही दिन हनुमान जी का जन्म हुआ आज नरक चतुर्दशी का व्रत रहने के साथ ही हनुमान जी के प्रति श्रद्धा एवं भक्ति से अनुराग रखते हुए व्रत करके उनका जन्म उत्सव मनाने पर मनुष्य को हनुमान जी की कृपा दृष्टि प्राप्त होती है। तैंतीस करोड़ देवताओं में हनुमान जी को कलयुग का प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। जहां जहां भगवान की कथाएं होती है, जहां भगवान का नाम लिया जाता है हनुमान जी वहां पर बैठकर प्रेम से भगवान्नाम स्मरण का रसपान करते रहते हैं। मनुष्य को हर प्रकार से अभय दान देने वाले अंजनी पुत्र महाबली हनुमान जी का पूजन श्रद्धा भक्ति के साथ करने से हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होते हैं। जगह – जगह पर हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जा रहा है परंतु उनके बताए आदर्शो पर आज का मनुष्य कदापि नहीं चलना चाहते हैं। आज नौकरों के द्वारा मालिकों से विश्वासघात करना साधारण बात हो गई है। सेवक का स्वामी के प्रति कैसा आचरण होना चाहिए यदि यह सीखना है तो हनुमान जी के चरित्रों को देखा जा सकता है।

नरकासुर का वध एवं हनुमंत लाल जी की जयंती के उपलक्ष्य में दीपदान करके खुशियाँ मनाएं।
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Language: Hindi
Tag: लेख
492 Views
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