नरक की राह
ये भ्रम है तेरा
कुछ और नही
तेरे गुजर जाने के बाद
कौन जानेगा तुझे ।
तेरी नादानियों मे
भटक जायेगी आत्मा
कौन फिर मिलायेगा
परमात्मा से तुझे ।
अन्तर्मन की चेतना
अगर सोती रही
कौन गुनाहों से
रोज बचायेगा तुझे ।
दूसरों को देखकर
न पकड़ राह नरक की
यमराज के द्वार पे
ये बहुत रूलायेगी तुझे ।।
राज विग 13.09.2019.