नये साल में
गीत
नये साल में
आप सब मुस्कुराना नये साल में।
ऐसे खुशियां मनाना नये साल में।।
कोई दौलत नही प्रेम से जो बड़ी।
ये लुटाना खजाना नये साल में।।
आप सब मुस्कुराना———-
भूल जाएं गिले शिकवे हम आज से।
वादा करलें अभी अपने हमराज से।।
प्रेम का दिल की दहरी पे दीपक जले।
जिंदगी जगमगाना नये साल में।।
आप सब मुस्कुराना————-
जो गुजारा गरीबी में करते सदा।
पेट सूखी ही रोटी से भरते सदा।।
हलवा पूड़ी मिठाई न देखी कभी।
उनको भोजन कराना नये साल में।।
आप सब मुस्कुराना————
लाज बेटी की कोई बचाता नही।
और जुल्मी को फाँसी चढ़ाता नही।।
बेटियों की सदा दिल से इज्जत करो ।
बेटों को सब सिखाना नये साल में।।
आप सब मुस्कुराना———–
वृद्धाश्रम किसी को न छोड़ो कभी।
अपने कर्तव्य से मुख न मोड़ो कभी ।।
रब करे कोई भी बेसहारा न हो।
गर मिले तो उठाना नये साल में।।
आप सब मुस्कुराना——- ——–
✍?श्रीमती ज्योति श्रीवास्तव साईंखेड़ा