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14 Feb 2018 · 1 min read

नये साल की पहली बारिश

नये साल की पहली बारिश,
नूतन खुशियाँ लेकर आई।
नई उमंगें नई तरंगें,
नई-नई उम्मीदें लाई।

पुष्प-लता हर्षित पुलकित है,
ऋतु वसंत ने ली अँगड़ाई।
पीली दुल्हन बनी धरा है,
अंबर गूँज रही शहनाई।
नये साल की पहली बारिश..

छम-छम बारिश की बूँदों ने,
मन में सोई कसक जगाई।
नाचे मोर पपीहा बोले,
विरही कोयल कूक लगाई।
नये साल की पहली बारिश….

पेड़-पौध धुल स्वच्छ हो गये,
कली कली खुल कर मुस्काई।
बाग-बाग में क्यारी-क्यारी,
रंग-बिरंगी तितली आई।
नये साल की पहली बारिश……

बदले रंग प्रकृति ने अपने
फल-फूलों में रस भर आईं।
शीत-लहर का झोंका आया,
चलने लगी पवन पुरवाई।
नये साल की पहली बारिश….

मदमाती सुगंध महुआ की,
अमवा पात-पात बौराई।
नव पर्व-त्योहार, नव उत्सव,
कितनी नव सौगातें लाई।
नये साल की पहली बारिश…

खायें गरम पकौड़े तलकर,
सोंधी गुड़ से बनी मिठाई।
बिन ख्याल कविता लिखने को,
लक्ष्मी कागज कलम उठाई।

नये साल की पहली बारिश,
नूतन खुशियाँ लेकर आई।
नई उमंगें नई तरंगें,
नई-नई उम्मीदें लाई।
? ? ? ? ? —लक्ष्मी सिंह ? ☺

Language: Hindi
Tag: गीत
278 Views
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