नये भारत में
तुम लफड़े से दूर रहना
भूल कर भी न सच कहना…
(१)
पड़ जाएंगे लेने के देने
झूठ में ही तुमको वरना…
(२)
तुम बिल्कुल मूर्दों की तरह
समय की धारा में बहना…
(३)
मालूम है न सत्ता में कौन
तुम्हें चाहिए उनसे डरना…
(४)
काम आएगा आगे चलकर
सीख लो ज़ुल्म को सहना…
(५)
मान क्यों नहीं लेते तुम भी
अपनी जंजीरों को गहना…
(६)
आंखों देखा हाल कह कर
क्यों चाहते बेमौत मरना…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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