नया स्कूल नया ठिकाना
नया स्कूल नया ठिकाना
*********************
नया स्कूल है नया ठिकाना,
दुनियादारी आना – जाना।
नए मिलेंगे साथी सारे,
वो भी होंगे खास हमारे,
उन से हो होगा बतियाना।
नया स्कूल है नया ठिकाना।
कोपल कोमल होंगे बच्चे,
प्यारे न्यारे सब से अच्छे,
जी जान लगा उन्हें पढ़ाना।
नया स्कूल है नया ठिकाना।
तन-मन-धन से हैं सहयोगी,
कोशिश अपनी पूरी होगी,
ईमानदारी से फर्ज निभाना।
नया स्कूल है नया ठिकाना।
सुन्दर होंगे बाग बगीचे,
खून – पसीने से हम सींचे,
अशोक वाटिका सा सजाना।
नया स्कूल है नया ठिकाना।
टीस करेंगी याद पुरानी,
पुराने स्कूल की हर निशानी,
नम आँखों से आँसू बहाना।
नया स्कूल है नया ठिकाना।
हर पल हर दम याद रखेंगे,
पुराने साथी जी जान रहेंगे,
कभी न होगा उन्हें भुलाना।
नया स्कूल है नया ठिकाना।
मनसीरत वह मंजिल मेरी,
गिरजा मन्दिर मस्जिद मेरी,
हसीं हमारा वहाँ ज़माना।
नया स्कूल है नया ठिकाना।
नया स्कूल है नया ठिकाना।
दुनियादारी आना – जाना।
**********************
सुखविन्दर सिंह मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)