नया साल
सालनए साल का नया आगमन, नई खुशियां लेकर आया है!
वक़्त ना ठहरा किसी के लिए, ये इसने समझाया है!!
:- यहां आने वाले भी आएंगे और जाने वाले जाएंगे!
होगी शाम भी सुहानी सी और पंछी भी चहचहाएंगे!
गम का मातम भी होगा खुशियों में जश्न मनाएंगे!
मेहनत को यहां जिसने जाना वो हर राह सजायेंगे!
ना इंसान वो हुआ किसी का, जिसने मतलब सुलझाया है!
नए साल का नया आगमन, नई खुशियां लेकर आया है!!
:- कुछ टकराएं सामने से कुछ छुरा पीठ में घोपेंगे!
कुछ सींचे पुराने से तो कुछ नए पौधे भी रोपेंगे!
कुछ होठों पे मुस्कान दें कुछ आंसूं भी पोछेंगे!
कभी बेख़याली के ख्याल में “मलिक” भी सोचेंगे!
कभी हंसकर तो कभी रोकर, यहां सबने वक़्त बिताया है!
नए साल का नया आगमन, नई खुशियां लेकर आया है!!
सुषमा मलिक “अदब”
रोहतक (हरियाणा)